आगे चल कर मुझे दक्षिण अफ़्रीका में कार्य और अध्ययन करने का अवसर मिला जहां मुझे अपने नायक बिशप टुटु से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैंने रंगभेद से हुई तबाही और नस्लवाद की परंपरा को अपनी आंखों से देखा, परंतु साथ ही प्रगति और मेल-जोल की दिशा में किए जाने वाले अथक प्रयास भी देखे। स्टैनफ़ोर्ड में, अंतिम वर्ष के दौरान मैं कैंपस में उजमा छात्रावास में रहा जिसे अश्वेत समुदाय के प्रति समर्पित किया गया है (और जहां के अधिकतर निवासी अश्वेत हैं)। स्टैनफ़ोर्ड में प्राप्त अत्यधिक विशेषाधिकार के बावजूद, हमारे समाज में प्रतिदिन नस्लवाद से जुड़े अन्यायों के बारे में सीखने को काफ़ी कुछ मिल जाता था।
यह बात मैं आपको केवल इसलिए नहीं बता रहा हूं कि मुझे संयुक्त राज्य में अश्वेतों के अनुभव का अच्छा खासा ज्ञान है बल्कि आपको समझाना चाहता हूं कि लगभग 30 वर्षों से मैंने अमेरिका और दुनिया भर में न्याय के लिए की जाने वाली आवेशपूर्ण और निरंतर, तार्किक, और ज़ोरदार अपील को स्वयं देखा है या उसमें भाग लिया है। 30 वर्ष बाद, बदलाव के लिए किए जाने वाले लाखों लोगों के आह्वान के बावजूद, बहुत कम प्रगति देखने को मिली है। अमेरिका में आर्थिक असमानता सदी के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंच गई है, अन्य जाति के लोग किराना स्टोर पर या जॉगिंग करने नहीं जा सकते, क्योंकि उन्हें अकारण हत्या का डर सताता है, और सरल शब्दों में कहा जाए तो, अमेरिकी परीक्षण असफल हो रहा है।
यह बात मैं आपको इसलिए बता रहा हूं क्योंकि मैं यह जानता हूं, एमएलके के शब्दों में, "दबे-कुचले लोग दंगा करते हैं" और वे लोग जो सदियों से शांतिपूर्वक तौर पर बदलाव का पक्ष लेते आ रहे हैं उन्हें आज़ादी, समानता, और न्याय की दृष्टि से कुछ खास हासिल नहीं हुआ है जिसका वादा अमेरिका में एक लंबे अरसे से किया जाता रहा है। और उन सभी के लिए न्याय जो अमेरिका ने लंबे समय से वादा किया है। मैं समझता हूं जो दंगा कर रहे हैं वे अपनी बात समझाने में असफल रहे हैं।
Snapchat बनाने के बाद, 2013 में स्टैनफ़ोर्ड वुमेन इन बिज़नेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार भाषण देने के लिए आमंत्रित किए जाने पर, मैंने कहा कि “मैं एक युवा, श्वेत, शिक्षित पुरुष हूं। मैं वास्तव में, वास्तव में भाग्यशाली हूं। और जीवन अन्यायपूर्ण है।” मुझे लगा कि अपने विशेषाधिकार को नाम देना और हमारे समाज में व्याप्त अन्याय को स्वीकार करना - खासतौर पर महिला उद्यमियों के सामने ज़रूरी है क्योंकि उन्हें प्रतिदिन इस प्रकार के अन्याय झेलने पड़ते हैं। अपने विशेषाधिकार को स्वीकार करना मेरे लिए पहला ज़रूरी कदम था क्योंकि ऐसा करने से मुझे बातों को सुनने में मदद मिली। धनी,वाइट मेल के रूप में मेरे अनुभव स्पष्ट रूप से हमारे साथी अमेरिकियों द्वारा अनुभव किए गए अन्याय से अलग हैं। मुझे से भिन्न लोगों की हालत को समझने से संघर्ष में एक बेहतर साथी बन पाने में मुझे मदद मिली है।
हमारे देश का निर्माण इस मूल विचार से किया गया था कि आपके जन्म की परिस्थितियां आपकी जीवन यात्रा को पूर्व निर्धारित नहीं करती हैं। हमारे संस्थापकों ने सोचा कि ईश्वर एक ही राजा का चयन करता है, यह विचार हास्यपाद है - ईश्वर से हम सभी को चुना है और वह सभी से समान रूप से प्यार करता है। उन्होंने एक ऐसे समाज के निर्माण की इच्छा रखी जहां ईश्वर के प्यार की झलक दिखती हो और जहां हम सभी में ईश्वर का वास हो। ईश्वर यह नहीं मानता कि हम सभी को ज़्यादा या कम मात्रा में प्यार मिलना चाहिए।
बेशक, वही संस्थापक जिन्होंने सभी के लिए आज़ादी, समानता, और न्याय का समर्थन किया -मुख्य रूप मालिक के गुलाम थे । लोगों द्वारा बनाए गए राष्ट्र की उनकी शक्तिशाली दृष्टि, लोगों के लिए पूर्वाग्रह, अन्याय और नस्लवाद की नींव पर बनी थी। इस खस्ताहाल बुनियाद की मरम्मत किए बगैर और सभी के लिए समान अवसर पैदा करने की इसकी निरंतर असफलता के कारण, हम मानव प्रगति के लिए ज़रूरी अपनी सच्ची क्षमता को प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं - और सभी के लिए आज़ादी, समानता, और न्याय की स्पष्ट परिकल्पना को हासिल करने से लगातार चूकते रहेंगे।
मेरे दोस्त, टीम सदस्य, पत्रकार, और सहयोगी अक्सर मुझसे पूछते हैं कि बदलाव लाने के लिए हम क्या कर सकते हैं। मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं, मेरी आयु 29 वर्ष है और मुझे अभी दुनियादारी की बहुत सारी बातें सीखनी हैं। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए नीचे मैंने अपना नज़रिया साझा करते हुए बताया है कि अमेरिका में बदलाव लाने के लिए क्या किए जाने की ज़रूरत है। हम प्रणालीगत नस्लवाद को तब तक समाप्त नहीं कर सकते जब तक कि हर प्रकार की पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए अवसरों का निर्माण नहीं किया जाता।
मेरा मानना है कि सबसे पहले और ज़रूरी कदम के तहत हमें राष्ट्र के तौर पर अपने बुनियादी मूल्यों के प्रति वचनबद्धता को दोहराना चाहिए: आज़ादी , समानता, न्याय, जीवन, स्वाधीनता, और खुशी की तलाश। हमें भविष्य की सफलता के लिए एक साझा दृष्टिकोण बनाने के लिए एक साथ काम करना चाहिए और परिभाषित करना चाहिए कि हम अमेरिका को अपने बच्चों के बच्चों के लिए कैसा दिखना चाहते हैं। इस प्रक्रिया में सभी अमेरिकियों को शामिल किया जाना चाहिए और जो "लोगों के द्वारा, लोगों के लिए" होनी चाहिए। राष्ट्र को अपनी पसंद अनुसार परिभाषा देने से, हम अगले कदम उठा पाएंगे और अपनी साझा परिकल्पना को वास्तविकता बनाने के लिए मूल्यों सहित ज़रूरी निर्णय ले पाएंगे।
जीडीपी या स्टॉक मार्केट जैसे फ़ालतू के अल्पकालिक पैमानों के बजाय, हमें मूल्यों की पूर्ति के संदर्भ में अपनी सफलता को परिभाषा देना भी आरंभ करना चाहिए। स्वास्थ्य देखभाल की लागत में वृद्धि के साथ ही जीडीपी में वृद्धि होती है, और ऐसा होते समय आपको प्राप्त होने वाले लाभ को ध्यान में नहीं रखा जाता है। तूफ़ान के चलते अनेक घरों के नष्ट हो जाने पर उनका पुनर्निर्माण किया जाना होता है, जिससे जीडीपी में वृद्धि होती है। जीडीपी मूल रूप से एक खंडित पैमाना होता है जो यह नहीं बताता कि मनुष्य को वास्तविक खुशी किस चीज़ से मिलती है। खुशी की तलाश धन की तलाश तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
हमें सत्य, मेल-जोल, और प्रायश्चित के ऊपर एक विविध, गैर-पक्षपाती आयोग गठित करना चाहिए। हमें एक ऐसी प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए जो निश्चित ही अमेरिका के अश्वेत समुदाय की बातों को सुने, भेदभाव और पूर्वाग्रह के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली की छानबीन करे, न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग को मज़बूत करे, और आयोग द्वारा मेल-जोल और प्रायश्चित के लिए दिए सुझावों पर कदम उठाए। दुनिया भर में स्थित ऐसे लोगों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है जिन्होंने अत्याचार होने के बावजूद इसी प्रकार की प्रक्रिया को लागू करने का साहस दिखाया, और हमें एक ऐसी प्रक्रिया का निर्माण करना चाहिए जो अमेरिकी मूल्यों को प्रकट करती हो और राष्ट्र को आवश्यक बदलाव करने और घाव भरने में मदद करे।
शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और आवास में निवेश कर हमें अमेरिका में "अवसरों के साधन" को फिर से आरंभ करना चाहिए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष समाज के लिए यह मूल ज़रूरतें सभी लोगों को आसानी से और किफ़ायत से प्रदान की जा सके।
मेरा मानना है कि 1980 के दशक से अमेरिका में उद्यमशीलता के भारी पतन का सबसे बड़ा कारण पर्याप्त मात्रा में सामाजिक सुरक्षा तंत्र की कमी है। उद्यमशीलता उन लोगों पर निर्भर करती है जो व्यवसाय शुरू करने के लिए जोखिम उठाते हैं, जो किसी प्रकार के सुरक्षा तंत्र, जैसा कि मुझे प्राप्त है, उसकी कमी के कारण लगभग असंभव होता है। आज के भावी उद्यमी छात्र ऋण के बोझ तले दबे हुए हैं जिन्हें सीमित वेतन और बढ़ते खर्च की परेशानी से जूझना पड़ता है और जिसके कारण वे व्यवसाय आरंभ करने के लिए आवश्यक पूंजी की बचत नहीं कर पाते हैं।
अपनी आने वाली पीढ़ियों के लाभ वास्ते अपने देश के भविष्य में निवेश करना महंगा होगा। हमें अधिक प्रगतिशील आयकर प्रणाली का गठन करना होगा और काफ़ी अधिक संपत्ति कर लगाने की ज़रूरत पड़ेगी, और व्यवसायों पर अधिक दर से कर लगाने होंगे। भविष्य में निवेश करने के साथ ही, हमें संघीय घाटा भी कम करना होगा जिससे कि इस लगातार परिवर्तनशील दुनिया में भविष्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी बाहरी अनिश्चितता से निपटने के लिए हम सही से तैयार रह पाएं। आसान शब्दों में कहूं तो, मेरे जैसे लोगों को अधिक कर चुकाना होगा - और मैं मानता हूं कि ऐसे समाज के निर्माण के लिए जो हम सभी के लिए फ़ायदेमंद हो, यह कदम बिलकुल उचित है।
इन में से कई परिवर्तन निकट समय में व्यवसाय के लिए "बुरे" हो सकते हैं, लेकिन क्योंकि ये परिवर्तन हमारे देश के लोगों में किए जाने वाले दीर्घकालीन निवेश समान हैं, मैं मानता हूं कि भविष्य में समूहिक तौर पर इन से बहुत लाभ प्राप्त होगा।
यह परिवर्तन अभी तक क्यों नहीं हुआ है? मेरे अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी सरकार की सभी शाखाओं में बूमर सुपरमेजोरिटी ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य में थोड़ी रुचि दिखाई है। कई दशकों से हमारी सरकार एक रणनीति के तहत अपने सबसे अहम मतदाताओं, अर्थात बूमर को समृद्ध बनाने के लिए ऋण वित्तपोषित कर कटौती और अनिवार्य खर्च करती आ रही है। दरअसल, अमेरिका में लगभग 60% घरेलू संपत्ति पर बूमर का अधिकार है। साफ़ शब्दों में कहा जाए तो, अरबपतियों लगभग 3% संपत्ति के स्वामी हैं। उदाहरण के लिए, सामाजिक सुरक्षा के साथ हम एक ऐसी योजना का वित्तपोषण करते हैं जो किसी भी प्रकार की जीविका-साधन कसौटी के बिना अमेरिकी इतिहास के कुछ सबसे धनाढ्य लोगों को लाभ पहुंचाती है।
कुछ अनुसंधान बताते हैं कि नई पीढ़ी में अपनी छाप का अभाव दिखने पर पुरानी पीढ़ी उनके भविष्य में निवेश करने की कम इच्छुक दिखाई देती है। अमेरिका में, बूमर पीढ़ी में लगभग 70% श्वेत हैं, और नई पीढ़ी में लगभग 50% श्वेत हैं। अमेरिका का जनसांख्यिकीय परिवर्तन अटल है। इसलिए, सवाल यह है कि क्या हम साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं जहां हमारे बुनियादी मूल्य बेहतर प्रकट होते हों, जो हमारे अतीत के गहरे ज़ख़्मों पर मरहम लगा सकता हो, और जो व्यक्ति की पहचान, या जन्म स्थान पर ध्यान दिए बिना सभी के लिए समान अवसर पैदा करता हो।
जहां तक Snapchat की बात है, अमेरिका में हम ऐसे अकाउंट्स को प्रमोट नहीं कर सकते हैं जिनका संबंध नस्लीय हिंसा भड़काने वाले लोगों से हो, फिर चाहे यह कृत्य हमारे या अन्य किसी प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए क्यों ना किया गया हो। हमारा डिस्कवर कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म एक क्यूरेटेड प्लेटफ़ॉर्म है, जहां हम तय करते हैं किसे प्रमोट किया जाए और किसे नहीं। दृढ़ता से सकारात्मक प्रभाव डालने पर हमने बारबार ज़ोर दिया है, और Snapchat पर प्रमोट किए जाने वाले कंटेंट पर हम इसी नियम को लागू करते हैं। जब तक कि Snapchat पर प्रकाशित कंटेंट हमारे कम्युनिटी दिशानिर्देशों के अनुरूप है, हम अलगाववादी लोगों को Snapchat पर एक अकाउंट बनाए रखने की अनुमति दे सकते हैं, लेकिन हम किसी भी तरह से उस अकाउंट या कंटेंट का प्रमोशन नहीं करेंगे।
अभी भी देर नहीं हुई है, प्यार से चीज़ों का समाधान निकाला जा सकता है, और मैं दिल से सचमुच आशा करता हूं कि हमारे महान देश का नेतृत्व हमारे बुनियादी मूल्यों, हमारे उद्देश्यों, अर्थात सभी के लिए आज़ादी, समानता, और न्याय की दिशा में कार्य करेगा।
तब तक, हम अपने कार्य से स्पष्ट करेंगे कि जब बात नस्लवाद, हिंसा, और अन्याय की हो तो कुछ भी असपष्ट नहीं होता है - और हम अपने प्लेटफ़ॉर्म पर ना तो उसे प्रमोट करेंगे, और ना ही उसका समर्थन करने वालों को प्रमोट करेंगे।
इसका अर्थ यह नहीं है कि हम ऐसा कंटेंट हटा देंगे जिससे लोग असहमत हों, या ऐसे अकाउंट हटा देंगे कुछ लोगों को असंवेदनशील लग सकते हों। हमारे देश और दुनिया के भविष्य के बारे में बहुत सारा वाद-विवाद किया जाना बाकी है। लेकिन मनुष्य के जीवन के मूल्य और आज़ादी, समानता, और न्याय के लिए किए जाने वाले निरंतर संघर्ष के महत्व के बारे में हमारे देश में वाद-विवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। हम उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं जो शांति, प्यार, और न्याय का साथ दे रहे हैं और हम अपने प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग बुराई के बजाय अच्छाई को प्रमोट करने के लिए करेंगे।
मुझे पता है कि बहुत से लोग ऐसे हैं जो महसूस करते हैं कि हमारे समाज में "कुछ लोगों" के नस्लवादी होने, या "थोड़ा बहुत अन्याय" होने से हम "सभी बुरे नहीं बन जाते हैं।" मेरे विचार से मानवता परस्पर गहराई से जुड़ी हुई है और किसी एक के पीड़ित होने पर हम सभी पीड़ित होते हैं। जब हममें से कोई एक भूखा होता है, तो हम सभी भूखे होते हैं। और जब हम में से कोई एक गरीब होता है, तो हम सभी गरीब होते हैं। हमारी चुप्पी के कारण जब हम में से कोई एक अन्याय करता है तो इसका अर्थ होता है कि हम एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने में असफल हुए हैं जहां उच्चतम आदर्शों की प्राप्ति का प्रयास किया जाता है।
आप में से कुछ ने इस बारे में पूछा है कि क्या Snap समानता और न्याय का समर्थन करने वाले संगठनों को योगदान देगी। इसका जवाब हां है। लेकिन मेरे अनुभव में, केवल परोपकार से घोर अन्याय को रोक पाना संभव नहीं होता है। वैसे तो हमारे परिवार ने शोषित लोगों के लिए अवसर प्रदान करने वास्ते सार्थक योगदान दिया है और आगे भी ऐसा किया जाता रहेगा, और न्याय के रक्षकों को दान दिया जाएगा, लेकिन इन परिस्थितियों में हमारे समाज का पूर्ण पुनर्गठन आवश्यक हो गया है। व्यक्तिगत परोपकार से कमियों को दूर किया जा सकता है, या प्रगति को गति प्रदान की जा सकती है, लेकिन केवल इसके द्वारा ही अन्याय की गहरी और चौड़ी खाई को पार नहीं किया जा सकता है। हमें एक राष्ट्र के रूप में साथ मिल के उस खाई को पार करना चाहिए हमें सभी के लिए आज़ादी, समानता और न्याय के लिए एकजुट होने का प्रयास करने चाहिए।
हमारे सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। अमेरिका में हिंसा और अन्याय के एक लंबे इतिहास का विरोध करने के लिए - जिसका ताज़ा शिकार जॉर्ज, अहमद, और ब्रेओना, और कई गुमनाम लोग हुए हैं - हमें भारी बदलाव को अपनाना चाहिए। यह बदलाव केवल हमारे देश में नहीं, बल्कि हमारे दिलों में भी होना चाहिए। हमें शांति का प्रकाश फैलाना चाहिए और सभी मनुष्यों से प्रेम करना चाहिए।
आपको शांति प्राप्त हो जाए
ईवान